पॉलिटेक्निक में काउंसलिंग क्या होता है ? || Polytechnic Counselling Process | काउंसलिंग कैसे होता है | पूरी जानकारी

हर साल लाखों विद्यार्थी इंजीनियर बनने के लिए पॉलिटेक्निक प्रवेश परीक्षा देते हैं लेकिन कुछ ही विद्यार्थी एक अच्छा सरकारी कॉलेज प्राप्त कर पाते हैं और बाकी सभी विद्यार्थी या तो प्राइवेट कॉलेज से पढ़ते हैं या फिर पॉलिटेक्निक करने का सपना छोड़ देते हैं आप में से बहुत सारे विद्यार्थी जो इस साल पॉलिटेक्निक का एग्जाम दे चुके हैं या देने वाले हैं उनको एक बात याद रखनी चाहिए कि आपका चाहे कितना भी कम नंबर क्यों ना हो अगर आप चालाकी से काउंसलिंग कर आते हैं तो आप काउंसलिंग में एक अच्छा कॉलेज प्राप्त कर सकते हैं लेकिन इससे पहले आपको काउंसलिंग से संबंधित सारी जानकारी होना अति आवश्यक है क्योंकि जब तक आप काउंसलिंग के बारे में अच्छे से आप नहीं जानते तब तक आप सरकारी कॉलेज कभी प्राप्त नहीं कर पाएंगे इस पोस्ट के माध्यम से मैं आपको काउंसलिंग से संबंधित सारी जानकारी देने वाला हूं इसलिए आप इस पोस्ट को ध्यान से जरूर पढ़ें क्योंकि हो सकता है कि यह एक पोस्ट आपको सरकारी कॉलेज दिला दें

काउंसलिंग की प्रक्रिया लगभग सभी राज्यों में ऑनलाइन के माध्यम से होती है अर्थात आप कंप्यूटर के माध्यम से ही काउंसलिंग करा सकते हैं काउंसलिंग का सीधा मतलब होता है चयन प्रक्रिया अर्थात इस प्रक्रिया के माध्यम से आपको अपने लिए एक अच्छा सा कॉलेज चुनना होता है काउंसलिंग प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों में संपन्न होती है काउंसलिंग की प्रक्रिया कई राउंड में होती है प्रत्येक राउंड में इन पांच चरणों के माध्यम से काउंसलिंग होती है

  1. रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया
  2. चॉइस फिलिंग और चॉइस लॉकिंग
  3. सीट एलॉटमेंट रिजल्ट
  4. डॉक्यूमेंट वेरीफिकेशन
  5. एडमिशन

पॉलिटेक्निक का रिजल्ट आने के बाद जैसे ही आपको पता चलता है कि आपका इतना नंबर आया है और इतना रैंक आया है उसके बाद काउंसलिंग की डेट आती है और उस डेट के अनुसार अगर आप काउंसलिंग में भाग लेना चाहते हैं तो आपको कुछ आवश्यक डॉक्यूमेंट के साथ काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग लेना होता है काउंसलिंग की प्रक्रिया में आपको आपके नंबर और आपके रैंक के हिसाब से कॉलेज मिलता है और अगर आपका नंबर और आपका रैंग अच्छा नहीं है तो आपको कॉलेज नहीं मिलता है उसके बाद आपको काउंसलिंग के अगले राउंड की प्रक्रिया में भाग लेना पड़ता है

1. रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया

रिजल्ट आने के बाद उस राज्य की पॉलिटेक्निक की ऑफिशियल वेबसाइट पर एक डेट शीट आती है जिसमें आपको बताया जाता है कि आप की काउंसलिंग कब से प्रारंभ होगी और किस दिन कौन सा चरण होगा काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू होने पर सबसे पहला चरण “रजिस्ट्रेशन” का होता है
जिसमें विद्यार्थी को अपने आधार कार्ड, कक्षा दसवीं की मार्कशीट, सिग्नेचर और फोटो के साथ उपस्थित होना होता है इन सभी डाक्यूमेंट्स के माध्यम से आप रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में थोड़ी बहुत फीस होती है जो आपको उस समय पता लग जाएगी इस प्रकार आप रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुद से या साइबर कैफे वाले से करा सकते हैं

2. चॉइस फिलिंग और चॉइस लॉकिंग

यह काउंसलिंग का दूसरा चरण है इस चरण में आपको अपने नंबर और अपने रैंक के अनुसार कौन से कॉलेज में एडमिशन लेना है और किस ब्रांच से पॉलिटेक्निक करना है यह बताना पड़ता है इसमें कुछ बातें महत्वपूर्ण होती है वह यह कि कैंडिडेट जितना मर्जी चाहे कॉलेज फील कर सकता है और जो मर्जी ब्रांच चाहे वह भी फील कर सकता है कॉलेज और ब्रांच फिल करने के बाद आपको चॉइस को लॉक करना होता है लेकिन चॉइस लॉक करने से पहले आपको यह ध्यान देना चाहिए की चॉइस फिलिंग में सब चीज बिल्कुल ठीक है या नहीं , एक बार चॉइस लॉक करने के बाद आप चॉइस फिलिंग वाले सेक्शन में कोई चेंज नहीं कर सकते इसलिए चॉइस फिलिंग ठीक से करने के बाद ही चॉइस को लॉक करें जैसे ही आप चॉइस को लॉक करते हैं उसके 1 से 2 दिन बाद सीट एलॉटमेंट का रिजल्ट आ जाता है और उसमें यह पता चलता है कि आपको कॉलेज मिला या नहीं मिला

  • महत्वपूर्ण बिंदु

  • अभ्यार्थी अपने मनपसंद का कॉलेज फील कर सकता है
  • अभ्यार्थी जितना मर्जी उतना कॉलेज फील कर सकता है
  • अभ्यार्थी अपना मनपसंद ब्रांच फिर कर सकता है
  • अभ्यार्थी एक कॉलेज में कितना भी ब्रांच फील कर सकता है

3. सीट एलॉटमेंट रिजल्ट

चॉइस फिलिंग और लॉकिंग करने के बाद 1 से 2 दिन में कैंडिडेट का सीट एलॉटमेंट रिजल्ट आ जाता है अगर आपको कोई कॉलेज मिला है तो रिजल्ट में साफ-साफ लिख दिया जाता हैं मैं आपको कौन सा कॉलेज मिला है और कौन सी ब्रांच मिला है और उस कॉलेज में जाकर फिर आपको अपना डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और एडमिशन की प्रक्रिया पूरी करानी होती है

4. डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन

यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें कैंडिडेट के संपूर्ण डॉक्यूमेंट को चेक किया जाता है की कैंडिडेट जो पॉलिटेक्निक संस्था में एडमिशन लेना चाहता है उसकी सारी डाक्यूमेंट्स वैलिड है या नहीं डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया संस्था पर उपस्थित होकर करानी पड़ती है लेकिन कोविड-19 द्वारा यह प्रक्रिया आपके जिले में ही हो जाती थी लेकिन इस बार भी आपको संस्था पर उपस्थित होकर ही डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन किया करानी पड़ेगी और उसके बाद आपको कुछ दिन का समय दिया जाएगा और वह समय उसी समय आपको बता दिया जाएगा कि आपको अब एडमिशन के लिए कब आना होगा

5. एडमिशन की प्रक्रिया

डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन प्रक्रिया के बाद लगभग 5-10 दिन के समय अंतराल पर आपको कॉलेज में फिर बुलाया जाता है और वहां उपस्थित होकर आपको अपना एडमिशन की प्रक्रिया पूरी करानी होती है साथ ही साथ वहां आप हॉस्टल के लिए भी अप्लाई कर सकते हैं

हॉस्टल कैसे मिलता है

एडमिशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद अगर आप हॉस्टल लेना चाहते हैं तो आपको वहां बताना पड़ता है कि आपको हॉस्टल चाहिए अगर आपके कॉलेज में हॉस्टल की सुविधा मौजूद होगी तो आपको एक फॉर्म भरना होगा जिस फॉर्म में आपको अपना नंबर अपना रैंक, आपके कॉलेज से आपके घर की दूरी, यह सभी भरना होगा उसके कुछ दिन बाद आपको हॉस्पिटल मिला या नहीं इसके बारे में कॉलेज के कैंपस में एक लिस्ट लगेगी अगर उस लिस्ट में आपका नाम होता है तो इसका सीधा मतलब है कि आपको हॉस्टल मिल चुका है और अगर उस लिस्ट में आपका नाम नहीं है इसका मतलब आपको हॉस्टल नहीं मिला है। इस स्थिति में आपको बाहर रूम लेकर रहना पड़ता है

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