महत्वपूर्ण Headings
- प्रकाश परावर्तन एवं अपवर्तन पूरा चैप्टर नोट्स
- प्रकाश की परिभाषा
- प्रकाश का परावर्तन
- प्रकाश के परावर्तन नियम
- प्रतिबिंब की परिभाषा
- दर्पण की परिभाषा
- समतल दर्पण की परिभाषा
- गोलीय दर्पण की परिभाषा
- दर्पण से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण परिभाषाएं
- अवतल दर्पण द्वारा प्रतिबिंब का बनना
- उत्तल दर्पण द्वारा प्रतिबिंब का बनना
- अवतल दर्पण तथा उत्तल दर्पण के उपयोग
- गोलीय दर्पण के लिए चिन्ह परिपाटी
- प्रकाश का अपवर्तन
- अपवर्तन नियम हैं
- अपवर्तनांक का प्रकाश की चाल से संबंध
- लेंस की परिभाषा
- अवतल लेंस की परिभाषा
- उत्तल लेंस की परिभाषा
- लेंस से संबंधित कुछ परिभाषाएं
- अभिसारी या उत्तल लेंस द्वारा प्रतिबिंब का बनना
- अपसारी या अवतल लेंस द्वारा प्रतिबिंब का बनना
- लेंस के उपयोग
- गोलीय लेंसों के लिए चिन्ह परिपाटी
- लेंस सूत्र क्या है ?
प्रकाश परावर्तन एवं अपवर्तन पूरा चैप्टर नोट्स
प्रकाश की परिभाषा
प्रकाश एक प्रकार की ऐसी ऊर्जा है जो हमारे दृष्टि ज्ञान को जागृत करता है अर्थात प्रकाश की उपस्थिति में ही हम अपने आसपास की सभी वस्तुओं को देख पाते हैं मतलब किसी भी वस्तु को देखने के लिए प्रकाश की आवश्यकता पड़ती है प्रकाश को हम देख नहीं सकते लेकिन इसका अनुभव कर सकते हैं
ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार ऑक्सीजन को हम देख नहीं सकते हैं लेकिन ऑक्सीजन की उपस्थिति में ही हम सांस ले पाते हैं और ऑक्सीजन के बिना हम जीवित नहीं रह सकते हैं
प्रकाश का परावर्तन
प्रकाश का परावर्तन – प्रकाश की किरण जब किसी चिकने तल से टकराता है तो टकराने के बाद प्रकाश की अधिकांश किरणें उसी माध्यम में वापस लौट जाती है जिस माध्यम से वह आई होती है प्रकाश किरण के चिकने तल से टकराकर वापस लौटने की इस घटना को प्रकाश का परावर्तन कहते हैं।
प्रकाश के परावर्तन नियम
प्रकाश के परावर्तन के दो नियम हैं जिनको नीचे समझाया गया है
1- आपतित किरण, आपतन बिंदु पर अभिलंब तथा परावर्तित किरण तीनों एक ही तल में होते हैं
2- आपतन कोण ( i ) तथा परावर्तन कोण ( r ) सदैव बराबर होते हैं
प्रतिबिंब की परिभाषा
किसी वस्तु के किसी बिंदु से चलने वाली प्रकाश किरणे परावर्तन या अपवर्तन के बाद जिस बिंदु पर मिलती हैं या मिलती हुई प्रतीत होती हैं उस बिंदु को प्रथम बिंदु का प्रतिबिंब कहते हैं प्रतिबिंब को आसान भाषा में छाया कहा जाता है
प्रतिबिंब दो प्रकार के होते हैं
1- वास्तविक प्रतिबिंब ( Real Image )
किसी वस्तु के किसी बिंदु से चलने वाली प्रकाश किरणे परावर्तन के पश्चात किसी दूसरे बिंदु पर वास्तव में मिलती हैं तो उस समय बनने वाले प्रतिबिंब को वास्तविक प्रतिबिंब कहते हैं वास्तविक प्रतिबिंब को पर्दे पर उतारा जा सकता है वास्तविक प्रतिबिंब हमेशा उल्टा बनता हऐ
2- आभासी प्रतिबिंब
वस्तु के किसी बिंदु से चलने वाली प्रकाश के परावर्तन के पश्चात किसी दूसरे बिंदु पर वास्तव में नहीं मिलती है परंतु मिलती हुई प्रतीत होती हैं तो ऐसे प्रतिबिंब को आभासी प्रतिबिंब कहते हैं आभासी प्रतिबिंब को पर्दे पर प्राप्त नहीं किया जा सकता है आभासी प्रतिबिंब हमेशा सीधा बनता है
ये भी पढ़ें ↓
प्रकाश चैप्टर के 40 महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर MCQ’s
दर्पण की परिभाषा
यदि किसी चिकने पारदर्शी तल के एक पृष्ठ पर पॉलिश कर दी जाए अथवा लाल ऑक्साइड का लेप कर दिया जाए और दूसरा पृष्ठ परावर्तक बना दिया जाए तो वह निकाय दर्पण कहलाता है
दर्पण दो प्रकार के होते हैं
समतल दर्पण
गोलीय दर्पण
समतल दर्पण की परिभाषा
ऐसे दर्पण जिनका परावर्तक पृष्ठ समतल होता है समतल दर्पण कहलाता है इसको अंग्रेजी में प्लेन मिरर भी कहते हैं
गोलीय दर्पण की परिभाषा
ऐसे दर्पण जिनका परावर्तक पृष्ठ गोली होता है गोलीय दर्पण कहलाताहै गोलीय दर्पण कांच के खोखले गोले का काटा गया भाग होता है इसके एक तल पर पॉलिश की जाती है और दूसरा तल परावर्तक होता है
गोलीय दर्पण दो प्रकार के होते हैं
अवतल दर्पण
उत्तल दर्पण
अवतल दर्पण की परिभाषा
ऐसा दर्पण जिसमें प्रकाश का परावर्तन दबे हुए पृष्ठ से होता है और उभरे हुए पृष्ठ पर पॉलिश की गई होती है अवतल दर्पण कहलाता है अवतल दर्पण को अभिसारी दर्पण भी कहते हैं अवतल दर्पण को अंग्रेजी में कौनकेव मिरर कहते हैं
उत्तल दर्पण की परिभाषा
ऐसा दर्पण जिसमें प्रकाश का परावर्तन उभरे हुए पृष्ठ से होता है और दबे हुए पृष्ठ पर पॉलिश की गई होती है उत्तल दर्पण कहलाता है उत्तल दर्पण को अपसारी दर्पण भी कहते हैं उत्तल दर्पण को अंग्रेजी में कन्वैक्स मिरर कहते हैं
दर्पण से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण परिभाषाएं
दर्पण का ध्रुव किसे कहते हैं ?
गोलीय दर्पण के परावर्तक तल के मध्य बिंदु को ध्रुव कहते हैं इसे P से प्रदर्शित करते हैं
वक्रता केंद्र किसे कहते हैं ?
गोलीय दर्पण कांच के जिस खोखले गोले का भाग होता है उस गोले के केंद्र को गोलीय दर्पण का वक्रता केंद्र कहते हैं इसे C से प्रदर्शित करते हैं
वक्रता त्रिज्या किसे कहते हैं ?
वक्रता केंद्र से दर्पण के ध्रुव तक की दूरी दर्पण की वक्रता त्रिज्या कहलाती है
मुख्य अक्ष किसे कहते हैं ?
गोलीय दर्पण के ध्रुव तथा वक्रता केंद्र को मिलाने वाली सीधी रेखा गोलीय दर्पण के मुख्य अक्ष कहलाती है
मुख्य फोकस किसे कहते हैं
गोलीय दर्पण के मुख्य के समांतर आने वाली किरणे परावर्तन के पश्चात जिस बिंदु पर मिलती हैं या मिलती हुई प्रतीत होती हैं उस बिंदु को हम दर्पण का मुख्य फोकस कहते हैं इसे F से प्रदर्शित करते हैं
फोकस दूरी किसे कहते हैं ?
दर्पण के ध्रुव से मुख्य फोकस तक की दूरी को दर्पण की फोकस दूरी कहते हैं इसे f से प्रदर्शित करते हैं दर्पण की फोकस दूरी (f) और वक्रता त्रिज्या (R) में निम्न संबंध होता है\
f= R/2
अवतल दर्पण द्वारा प्रतिबिंब का बनना
S.N | वस्तु की स्थिति | प्रतिबिंब की स्थिति | प्रतिबिंब की प्रकृति एवं आकार |
---|---|---|---|
1 | अनंत पर | फोकस तल में | वास्तविक उल्टा तथा वस्तु से छोटा |
2 | अनंत तथा वक्रता केंद्र के बीच | फोकस तथा वक्रता केंद्र के बीच | वास्तविक उल्टा तथा वस्तु से छोटा |
3 | वक्रता केंद्र पर | वक्रता केंद्र पर | वास्तविक उल्टा तथा वस्तु के बराबर |
4 | वक्रता केंद्र तथा मुख्य फोकस के बीच | वक्रता केंद्र तथा अनंत के बीच | वास्तविक उल्टा तथा वस्तु से बड़ा |
5 | फोकस पर | अनन्त पर | वास्तविक उल्टा तथा वस्तु से बहुत बड़ा |
6 | मुख्य फोकस तथा ध्रुव के बीच | दर्पण के पीछे अनंत तथा ध्रुव के बीच | आभासी सीधा तथा वस्तु से बड़ा |
उत्तल दर्पण द्वारा प्रतिबिंब का बनना
S.N | वस्तु की स्थिति | प्रतिबिंब की स्थिति | प्रतिबिंब की प्रकृति एवं आकार |
---|---|---|---|
1 | अनंत पर | फोकस तल में दर्पण के पीछे | आभासी सीधा तथा वस्तु से छोटा |
2 | अनंत तथा वक्रता केंद्र के बीच | फोकस तथा वक्रता केंद्र के बीच | आभासी सीधा तथा वस्तु से छोटा |
अवतल दर्पण तथा उत्तल दर्पण के उपयोग
अवतल दर्पण का उपयोग
अवतल दर्पण का उपयोग मोटरकारों, रेलवे इंजनो, स्टीमरो तथा सर्चलाइट, लैंपो में परावर्तक के रूप में, डॉक्टरों द्वारा आंख नाक तथा गले आदि की जांच करने में, सौर कुकर इत्यादि में किया जाता है
उत्तल दर्पण का उपयोग
उत्तल दर्पण का उपयोग गली तथा बाजारों में लगे लैंपो के ऊपर किया जाता है इसका उपयोग वाहन में पीछे के दृश्य को देखने के लिए भी किया जाता है
ये भी पढ़ें ↓
प्रकाश चैप्टर के 40 महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर MCQ’s
गोलीय दर्पण के लिए चिन्ह परिपाटी
दर्पण | u | v | f |
---|---|---|---|
अवतल दर्पण | हमेशा (-ve) | हमेशा (-ve) लेकिन जब प्रतिबिंब दर्पण के पीछे बनता है तब v का मान (+ ve) लेते हैं | हमेशा (-ve) |
उत्तल दर्पण | हमेशा (-ve) | हमेशा (+ve) | हमेशा (+ve) |
गोलीय दर्पण के लिए u , v तथा f में संबंध
दर्पण से वस्तु की दूरी = u
दर्पण से प्रतिबिंब की दूरी = v
दर्पण की फोकस की दूरी = f
इन तीनों के बीच संबंध प्रदर्शित करने वाला समीकरण दर्पण सूत्र के नाम से जाना जाता है जो निम्न है
1/f = 1/v + 1/u
प्रकाश का अपवर्तन
जब प्रकाश एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाती है तो अपने मार्ग से विचलित हो जाती है इस घटना को प्रकाश का अपवर्तन कहते हैं प्रकाश के अपवर्तन का कारण प्रकाश की चाल का विभिन्न माध्यमों में भिन्न-भिन्न होना है
अपवर्तन नियम हैं
प्रकाश के अपवर्तन के दो नियम हैं
1- आपतित किरण, अपवर्तित किरण तथा आपतन बिंदु पर अभिलंब तीनों एक ही तल में होते हैं
2- आपतन कोण ज्या (sin i) तथा अपवर्तन कोण की ज्या (sin r) का अनुपात एक नियतांक होता है जिसे माध्यम का अपवर्तनांक कहते हैं
इसे स्नेल का नियम भी कहते हैं तथा इस नियतांक को पहले माध्यम के सापेक्ष दूसरे माध्यम का अपवर्तनांक कहते हैं
अपवर्तनांक का प्रकाश की चाल से संबंध
किसी माध्यम का अपवर्तनांक, निर्वात अथवा वायु में प्रकाश की चाल व उस माध्यम में प्रकाश की चाल के अनुपात के बराबर होता है
n = c/v
लेंस की परिभाषा
ऐसा पारदर्शी माध्यम जो दो गोलीय पृष्ठों या एक गोलीय तथा एक समतल पृष्ठ से घिरा होता है लेंस कहलाता है
लेंस दो प्रकार के होते हैं
अवतल लेंस
उत्तल लेंस
अवतल लेंस की परिभाषा
ऐसा लेंस जो बीच में पतला तथा किनारों पर मोटा होता है अवतल लेंस कहलाता है
उत्तल लेंस की परिभाषा
ऐसा लेंस जो बीच में मोटा तथा किनारों पर पतला होता है उत्तल लेंस कहलाता है
लेंस से संबंधित कुछ परिभाषाएं
प्रकाशिक केंद्र किसे कहते हैं है ?
लेंस के मुख्य अक्ष पर स्थित वह बिंदु जिससे होकर जाने वाली प्रकाश की किरणें अपवर्तन के पश्चात बिना विचलित हुए सीधे निकल जाती है प्रकाशिक केंद्र कहलाता है इसे O से प्रदर्शित करते हैं
वक्रता केंद्र किसे कहते हैं है ?
उत्तल लेंस और अवतल लेंस के गोलीय पृष्ठ जिस गोले के भाग होते हैं उस गोले के केंद्र को लेंस का वक्रता केंद्र कहते हैं
वक्रता त्रिज्या किसे कहते हैं है ?
लेंस जिस गोले का भाग होता है उस गोले की त्रिज्या को लेंस की वक्रता त्रिज्या कहते हैं
मुख्य अक्ष किसे कहते हैं ?
लेंस के दोनों गोलिय पृष्ठों के वक्रता केंद्रों से गुजरने वाली एक काल्पनिक सीधी रेखा को लेंस का मुख्य अक्ष कहते हैं
मुख्य फोकस किसे कहते हैं ?
लेंस में दो फोकस होते हैं प्रथम फोकस f1 और द्वितीय फोकस f2
गोलीय पृष्ठ के मुख्य अक्ष पर स्थित वह बिंदु जिस से गुजरने वाली प्रकाश की किरणें अपवर्तन के पश्चात मुख्य अक्ष के समांतर हो जाती हैं उस बिंदु को प्रथम फोकस कहते हैं
लेंस के मुख्य अक्ष के समांतर चलने वाली प्रकाश के अपवर्तन के पश्चात जिस बिंदु पर मिलती है या मिलती हुई प्रतीत होती है उस बिंदु को द्वितीय फोकस कहते हैं
फोकस दूरी किसे कहते हैं ?
लेंस के प्रकाशिक केंद्र व फोकस के मध्य दूरी को फोकस दूरी कहते हैं
अभिसारी या उत्तल लेंस द्वारा प्रतिबिंब का बनना
S.N | वस्तु की स्थिति | प्रतिबिंब की स्थिति | प्रतिबिंब की प्रकृति एवं आकार |
---|---|---|---|
1 | अनंत पर | द्वितीय फोकस तल में | वास्तविक उल्टा तथा वस्तु से छोटा |
2 | अनंत तथा 2f1 के बीच | f2 तथा 2f2 के बीच | वास्तविक उल्टा तथा वस्तु से छोटा |
3 | 2f2 पर | 2f2 पर | वास्तविक उल्टा तथा वस्तु के बराबर |
4 | 2f2 तथा f1 के बीच | 2f2 तथा अनन्त के बीच | वास्तविक उल्टा तथा वस्तु से बड़ा |
5 | प्रथम फोकस f1 पर | अनंत पर | वास्तविक उल्टा तथा वस्तु से बहुत बड़ा |
6 | प्रथम फोकस f1 तथा प्रकाशिक केंद्र के बीच | वस्तु की ओर ही अनंत तथा फोकस के बीच | आभासी सीधा तथा वस्तु से बड़ा |
अपसारी या अवतल लेंस द्वारा प्रतिबिंब का बनना
S.N | वस्तु की स्थिति | प्रतिबिंब की स्थिति | प्रतिबिंब की प्रकृति एवं आकार |
---|---|---|---|
1 | अनंत पर | f2 पर | आभासी सीधा तथा वस्तु से अत्यंत छोटा |
2 | अनंत तथा प्रकाशिक केंद्र के बीच | f2 तथा प्रकाशिक केंद्र के बीच | आभासी सीधा तथा वस्तु से छोटा |
लेंस के उपयोग
उत्तल लेंस के उपयोग
उत्तल लेंस का उपयोग विभिन्न प्रकाशिकी यंत्रों जैसे दूरदर्शी सूक्ष्मदर्शी एवं डॉक्टर के द्वारा आंख व नाक की जांच करने के लिए किया जाता है इसके अलावा दूर दृष्टि दोष को दूर करने के लिए चश्मे में उत्तल लेंस का प्रयोग किया जाता है
अवतल लेंस के उपयोग
अवतल लेंस का उपयोग डॉक्टर के द्वारा विभिन्न जांचों में किया जाता है इसके अलावा अवतल लेंस का उपयोग निकट दृष्टि दोष को दूर करने के लिए किया जाता है
ये भी पढ़ें ↓
प्रकाश चैप्टर के 40 महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर MCQ’s
गोलीय लेंसों के लिए चिन्ह परिपाटी
लेंस | u | v | f |
---|---|---|---|
अवतल लेंस | हमेशा (-ve) | हमेशा (-ve) | हमेशा (-ve) |
उत्तल लेंस | हमेशा (-ve) | हमेशा (+ve) सिर्फ एक स्थिति में v का मान (-ve) होता है जो प्रतिबिंब वस्तु की ओर ही बनता है | हमेशा (+ve) |
लेंस सूत्र क्या है ?
लेंस से वस्तु की दूरी = u
लेंस से प्रतिबिंब की दूरी = v
लेंस की फोकस की दूरी = f
इन तीनों के बीच संबंध प्रदर्शित करने वाला समीकरण लेंस सूत्र के नाम से जाना जाता है जो निम्न है
1/f = 1/v – 1/u
Artical By – Roshan Pandey
- पॉलिटेक्निक 2024 का फॉर्म कैसे भरें स्टेप बाई स्टेप पूरी जानकारीJEECUP 2024 यूपी पॉलिटेक्निक का फॉर्म कैसे भरें ? संयुक्त प्रवेश परीक्षा यूपी (पॉलिटेक्निक) उत्तर प्रदेश द्वारा हर वर्ष विभिन्न इंजीनियरिंग डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में प्रवेश पाने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए यूपी पॉलिटेक्निक एंट्रेंस एग्जाम “UP polytechnic entrance exam ” का आयोजन किया जाता है वर्ष 2024 में पॉलिटेक्निक एंट्रेंस एग्जाम के फॉर्म का इंतजार
- पॉलिटेक्निक कोर्स क्या है ? पूरी जानकारी हिंदी में [2024] | Polytechnic Course Kya Hai Kiase Kareमहत्वपूर्ण Headings• पॉलिटेक्निक कोर्स क्या है ? पूरी जानकारी हिंदी में • पॉलिटेक्निक क्या है ? [ What Is Polytechnic Course ]• पॉलिटेक्निक कोर्स के कुछ बेस्ट Branch • पॉलिटेक्निक कोर्स की फीस ? [ Polytechnic Course Fees ]• पॉलिटेक्निक करने के फायदे ? [ Benefits Of Polytechnic Course ]•पॉलिटेक्निक के बाद करियर के ऑप्शंस
- Lekhpal Kya Hai ? Kiase Bane ? || How To Become Lekhpal In Hindi ||दोस्तों इस पोस्ट में हम आपको बतायेंगे कि लेखपाल कैसे बने, हम आपकी हर एक डाउट को क्लियर करेंगे स्टेप बाय स्टेपदोस्तों लेखपाल बनना बहुत से छात्रों का सपना होता है लेकिन लेखपाल बनने के लिए क्या करना होता है और लेखपाल बनने के बाद की सुविधाएं और सैलरी क्या होती हैं इन सभी विषयों
- 10th Baad Kya kare जानिए 10वी बाद साइंस लेकर क्या-क्या बन सकते हैं पूरी जानकारीबहुत सारे छात्र-छात्राएं दसवीं पास करने के बाद साइंस लेने की सोचते हैं लेकिन उन्हें इस बात का बिल्कुल भी पता नहीं होता कि साइंस लेकर आप क्या-क्या कर सकते हैं हां एक दो चीजें वह जानते हैं लेकिन बहुत सारी चीजें नहीं जानते है आज इस पोस्ट के माध्यम से मैं आपको साइंस सब्जेक्ट
- Loco Pilot Kaise Bane [2023] In Hindi | लोको पायलट कैसे बनें पूरी जानकारी हिंदी में |आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे कि लोको पायलट कैसे बने ? तो अगर आप लोको पायलट बनाना चाहते है तो इस पोस्ट को ध्यान से जरुर पढ़े महत्वपूर्ण Headingsलोको पायलट क्या है कैसे बने?*लोको पायलट बनने के लिए योग्यता क्या होना चाहिए ?लोको पायलट बनने के लिए उम्र सीमा क्या होनी चाहिए ?लोको
- 1st Semester अनुप्रयुक्त गणित
- 1st Semester अनुप्रयुक्त भौतिकी
- 1st सेमेस्टर परीक्षा अनुप्रयुक्त रसायन
- Course Details
- Course Related Articals
- Exam Tips
- Polytechnic 1st Semester
- Polytechnic Imp. Information
- Uncategorized
- Up Polytechnic 1st Semester
- पॉलिटेक्निक 2022 सम्पूर्ण चैप्टर
- यूपी बोर्ड परीक्षा
- विज्ञान के 100 महत्वपूर्ण
- विज्ञान के महत्वपूर्ण टॉपिक्स