Q . रेखीय प्रसार गुणांक के सूत्र को लिखिए।
ऊष्मीय प्रसार गुणांक ऊष्मा के प्रभाव के कारण ठोस वस्तुओं की विमाओं (लम्बाई, क्षेत्रफल अथवा सम्पूर्ण आयतन में उत्पन्न वृद्धि को परिलक्षित करने वाले नियंत्रक को ऊष्मीय प्रसार गुणांक कहते हैं।
ऊष्मीय प्रसार गुणांक = विमा में वृद्धि /
प्रारम्भिक विमा × ताप वृद्धि
ठोसों का आयतन व स्वरूप निश्चित होता है। जब किसी ठोस वस्तु को गर्म किया जाता है तो उस वस्तु की लम्बाई, चौड़ाई व मोटाई सभी में प्रसार होता है। आणविक सिद्धान्त के अनुसार, “एक ठोस पदार्थ में अणु एक नियमित रूप में बँधे होते हैं तथा वे अपनी माध्य स्थिति के परितः कम्पन करते रहते हैं। जब ठोस पदार्थ को गर्म किया जाता है तो उसके अणुओं के कम्पनों का आयाम बढ़ता है। फलतः औसत अन्तराणविक / अन्तरपरमाणविक दूरी बढ़ जाती है और इसके परिणाम स्वरूप ठोसों में ऊष्मीय प्रसार परिलक्षित होता है। ठोसों में निम्नलिखित तीन प्रकार के प्रसार होते हैं
रेखीय प्रसार गुणांक :-
एकांक लम्बाई की छड़ के ताप में 1°C ताप वृद्धि के कारण लम्बाई में उत्पन्न वृद्धि को उस छड़ के पदार्थ का रेखीय प्रसार गुणांक (α) कहते हैं।
अर्थात् रेखीय प्रसार गुणांक = लम्बाई में वृद्धि / प्रारम्भिक लम्बाई x ताप वृद्धि
α = ∆L / L * ∆T
क्षेत्रीय प्रसार गुणांक :-
किसी पदार्थ के पटल (lamina) के एकांक क्षेत्रफल का ताप 1°C बढ़ाने पर उसके क्षेत्रफल में उत्पन्न वृद्धि को ही उस पदार्थ का क्षेत्रीय प्रसार गुणांक कहते हैं।
β = ∆A / A x ∆T
अर्थात् क्षेत्रीय प्रसार गुणांक = क्षेत्रफल में वृद्धि / प्रारम्भिक क्षेत्रफल x ताप वृद्धि
आयतन प्रसार गुणांक ( γ )
किसी वस्तु के एकांक आयतन के ताप में 1°C की वृद्धि करने पर उसके आयतन में वृद्धि को ही आयतन प्रसार गुणांक कहते हैं।
आयतन प्रसार गुणांक, γ= ∆V / V X ∆T
आयतन प्रसार गुणांक, γ = आयतन में वृद्धि /