ऊष्मागतिकी का शून्यांक नियम को स्पष्ट कीजिए?

 प्रश्न 4. ऊष्मागतिकी का शून्यांक नियम को स्पष्ट कीजिए?




उत्तर :- ऊष्मागतिकी का शून्यांक नियम


ऊष्मीय साम्यावस्था में माना X और Y दो ऐसे ऊष्मागतिक निकाय हैं जिनके ताप एकसमान हैं। इसका सीधा-सा अर्थ है। कि दोनों निकायों X व Y की ऊष्मीय अवस्था (state of heat) एकसमान है।


दूसरे शब्दों में, दोनों निकाय X व Y ऊष्मीय साम्यावस्था (thermal equilibrium) में है। स्पष्ट है कि तापमान वह भौतिक राशि है जो किन्हीं दो या दो से अधिक निकायों के मध्य ऊष्मीय साम्यावस्था को बताती है।



उदाहरणार्थ – माना X, Y व Z तीन ऊष्मागतिक निकाय चित्र 9.7 में हैं जो इस प्रकार संयोजित किये गये हैं कि X तथा Y निकायों के मध्य एक ऊष्मारोधी दीवार (adiabatic wall) PQ है जिससे X-Y के मध्य ऊष्मा प्रवाह नहीं होगा। तीसरा निकाय Z है जिसे एक ऊष्मा-चालक दीवार (diathermic wall) RS द्वारा निकायों X तथा Y से अलग किया गया है।


प्रारम्भ में माना तीनों निकायों X, Y तथा Z के ताप अलग-अलग हैं अर्थात् उनके मध्य ऊष्मीय साम्यावस्था नहीं है, परन्तु कुछ समय पश्चात् ऊष्मा स्थानान्तरण के कारण X तथा Z ताप एकसमान हो जाते हैं अर्थात् निकाय X, निकाय Z के साथ ऊष्मीय साम्यावस्था में आ जाता है, इसी प्रकार निकाय Y भी निकाय 2 के साथ ऊष्मीय साम्यावस्था में आ जाता है। इस प्रकार, हम देखते हैं कि निकाय X व निकाय Y भी आपस में साम्यावस्था में आ जाते हैं, जबकि निकाय X व निकाय Y आपस में ऊष्मारोधी दीवार PQ द्वारा विभाजित हैं।


उपरोक्त विवेचन से स्पष्ट है कि “यदि कोई दो ऊष्मागतिक निकाय X तथा Y किसी तीसरे ऊष्मागतिक निकाय 2 के साथ अलग-अलग (separately) ऊष्मीय साम्यावस्था में हैं तो ऊष्मागतिक निकाय X तथा Y भी आपस में ऊष्मीय साम्यावस्था में होंगे।”



यही ऊष्मागतिकी का शून्यांक नियम (zeroth law) है।

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