पेन्ट क्या होते हैं? अच्छे पेन्ट के गुण बताइए || एक अच्छे पेण्ट में क्या विशेषताएँ होती हैं ?




 Q . पेन्ट क्या होते हैं? अच्छे पेन्ट के गुण बताइए।  

                     अथवा

एक अच्छे पेण्ट में क्या विशेषताएँ होती हैं?

उत्तर:-


पेन्ट्स गाढ़े द्रव होते हैं जिनका लेपन धातु अथवा अन्य सतहों की सुरक्षा करने के लिए किया जाता है। अतः “किसी उचित द्रव में रंजक या पिग्मेन्ट के महीन कणों के द्वारा बनाया मिश्रण प्रलेप या पेन्ट कहलाता है।” 


अच्छे पेन्ट्स के गुण एक अच्छे पेन्ट में निम्न गुणों का होना परम आवश्यक है


1. पेन्ट अच्छा एवं सस्ता होना चाहिए।

2. पेन्ट जल्दी सूखने वाला होना चाहिए। 

3. यह देखने में सुन्दर प्रतीत होना चाहिए।

4. इसकी आच्छादन क्षमता अधिक होनी चाहिए। 

5. यह सतह की बुराइयों को ढकने में समर्थ होना चाहिए।

6. पेन्ट के सूख जाने पर पेन्ट की गयी सतह के ऊपर किसी काट, रगड़ आदि के निशान नहीं दिखने चाहिए। 

7. प्रलेप की गयी सतह पर वायुमण्डल का प्रभाव नहीं होना चाहिए।

8. सूखने के बाद पेन्ट में दरारें नहीं पड़नी चाहिए।

9. पेन्ट की गयी सतह का रंग स्थायी होना चाहिए।



वार्निश के प्रकार Types of Varnish वार्निश निम्न प्रकार की होती है—


1. स्पिरिट वार्निश इसे शल्क लाख को मेथिलेटिड स्पिरिट (methylated spirit) में घोलकर बनाते हैं। यह प्राय फर्नीचर पर करने में उपयोग में लायी जाती है। यह वातावरण द्वारा प्रभावित हो जाती है।


2. तेल वार्निश यह गन्ध राल (resin) या कोपल (copal) को अलसी के तेल में मिलाकर बनाते हैं। इसमें तारपी का तेल भी मिलाया जाता है। ये शीघ्रता से नहीं सूखती।


3. तारपीन वार्निश इसे डैमर गोन्द या अन्य प्राकृतिक रेजिन को तारपीन के तेल में घोलकर बनाते हैं। यह शीघ्रता सूख जाती है। 


4. लैकर यह शल्क लाख को मेथिलेटिड स्प्रिंट तथा वर्णक के साथ मिलाकर बनाये जाते हैं। इससे मोटर कारों आदि पर पॉलिश की जाती है। अच्छे वार्निश की विशेषताएँ एक अच्छे वार्निश की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं


(i) यह शीघ्र सूखने वाली होनी चाहिए।

(ii) इसकी परत चमकदार एवं स्थायी होनी चाहिए।

(iii) सूखने के उपरान्त इसकी सतह पर दरारें नहीं पड़नी चाहिए।

(iv) इसकी परत वायु, नमी, ऊष्मा या सूर्य प्रकार की प्रतिरोधी होनी चाहिए।

(v) यह विषरहित (Non-toxic) होनी चाहिए।



वार्निश की परिभाषा:-   


वार्निश प्राकृतिक अथवा कृत्रिम रेजिन या तेल का तनुकारक (thinner) में या दोनों में बना हुआ कोलॉइडी परिक्षिप्त (colloidal dispersed) विलयन होता है। यह प्रयुक्त की जाने वाली सतह पर रक्षात्मक (protective) तथा सजावटी, (decorative) बनाती है।

“स्पिरिट या तेल में रेजिन पदार्थ के बने घोल को वार्निश कहते हैं।” वार्निश बनाने के लिए राल या रेजिन पदार्थों; जैसे— लाख, गोंद, अम्बर आदि को तारपीन के तेल, ऐल्कोहॉल या स्पिरिट में घोलते हैं। वार्निश के सूखने के बाद एक कठोर, पारदर्शक तथा चमकीली परत (film) बन जाती है।



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