कठोर जल का मृदुकरण किस प्रकार से किया जा सकता है?



प्रश्न . कठोर जल का मृदुकरण किस प्रकार से किया जा सकता है? 


उत्तर :- कठोर जल का मृदुकरण :- 


वह प्रक्रम (process) जो जल की कठोरता, चाहे वह स्थायी हो या अस्थायी को समाप्त करता है या इसे कम करता है, जल का मृदुकरण (softening of water) कहलाता है। कठोर जल का मृदुकरण अति आवश्यक होता है; क्योंकि कठोर जल न तो घरेलू जरूरतों के लिये और न ही औद्योगिक आवश्यकताओं के लिए उपयुक्त रहता है। जल का मृदुकरण निम्नलिखित दो प्रकार से किया जाता है


1. बाहरी उपचार (Extetnal Treatment)

2. आन्तरिक उपचार (Internal Treatment)


1. बाहरी उपचार :-  जल का इस प्रकार का उपचार घरेलू प्रयोग या औद्योगिक प्रयोग (जैसे-वॉयलर आदि में) में लाने से पहले किया जाता है। इस उपचार में बॉयलर में प्रयोग होने वाले कठोर जल की समस्या लगभग दूर हो जाती है। बाहरी उपचार निम्नलिखित तीन प्रकार से होता है


(i) लाइम-सोडा :-  विधि इस प्रक्रम का मुख्य उद्देश्य घुली हुई कठोरता; जैसे-Ca तथा Mg के कार्बोनेट्स तथा सल्फेट को अघुलनशील अवक्षेपों में बदलना होता है। इन अवक्षेपों को सादन (setting) तथा छानने (filtration) की क्रिया में अलग कर लिया जाता है। इस प्रक्रम में Ca(OH)2 तथा Na2CO3 की निश्चित मात्रा मिला दी जाती है तथा लवण कार्बोनेट तथा सल्फेट में बदल जाते हैं।


(ii) परम्यूटिट विधि :- यह विधि जल की अस्थायी तथा स्थायी दोनों प्रकार की कठोरता दूर करने हेतु उपयोग में लायो जाती है। इस विधि में सोडियम तथा ऐलुमिनियम का मिश्रित सिलीकेट, Na2Al2Si2O8xH2O प्रयुक्त होता है, जिसे सोडियम जियोलाइट या परम्यूटिट कहते हैं। इसे Na2 Z द्वारा प्रदर्शित कर सकते हैं। जियोलाइट के सोडियम आयनों का यह गुण होता है कि ये अन्य धनायनों द्वारा प्रतिस्थापित हो जाते हैं और ये आयन फिर सोडियम आयनों द्वारा प्रतिस्थापित किये जा सकते हैं।

परम्यूटिट की मोटी तह को रेत की तहों के बीच रखते हैं। कठोर जल ऊपर से प्रवाहित किया जाता है जो रेत की पहली तह में से छनने के पश्चात् परम्यूटिट से क्रिया कर Ca तथा Mg के जियोलाइट के अवक्षेप बनाता है। रेत की निचली तह अवक्षेप को रोक लेती है और मृदु जल छनकर नल के रास्ते से बाहर आ जाता है 





कुछ समय पश्चात् परम्यूटिट की जल को मृदु करने की क्षमता समाप्त हो जाती है। इसे पुन: काम में लाने के लिए ऊपर से साधारण नमक का 10% घोल प्रवाहित करते है जिससे फिर सोडियम जियोलाइट बन जाता है।


CaZ +2NaCl — CaCl2+ Na2Z (परम्यूटिट)


MgZ + 2NaCl  —MgCl2 + Na2Z (सोडियम जियोलाइट)


इस प्रकार परम्यूटिट बार-बार उपयोग में लाया जा सकता है।


(III) आयन विनिमय विधि :-  कठोर जल को मृदु जल में बदलने की यह आधुनिक तथा उत्तम विधि है। इस विधि से कठोर जल की स्थायी तथा अस्थायी दोनों कंठोरताएँ दूर हो जाती हैं।

इसमें सबसे पहले कठोर जल को धनायन विनिमय स्तम्भ से गुजारा जाता है जिसमें सभी धनायन (+ आयन) जैसे— Ca ++ , Mg ++  दूर हो जाते हैं तथा H+ आयन के बराबर की मात्रा इस स्तम्भ से पानी में उत्सर्जित होती है। इसके बाद इस जल को ऋणायन (-आयन) विनिमय स्तम्भ में गुजारा जाता है जिससे सभी ऋणायन (-आयन); SO²-4 कठोर जल से दूर हो जाते हैं तथा OH- आयन की बराबर मात्रा इस स्तम्भ से पानी में उत्सर्जित होती है। इस प्रकार से उत्सर्जित H+ तथा OH- आयस में संयुक्त होते हैं तथा जल अणु पैदा करते हैं। इस प्रकार जो जल प्राप्त होता है, वह शुद्ध जल होता है।


H+OH- — H2O


2. आन्तरिक उपचार इसमें कठोर जल को बॉयलर में उपचारित किया जाता है। कुछ दूसरी महत्त्वपूर्ण उपचार विधि निम्नलिखित हैं


(i) कोलॉयडी प्रतिबन्धन (Colloidal Conditioning) 

(ii) कार्बोनेट प्रतिबन्धन (Carbonate Conditioning) 

(iii) कैलगन प्रतिबन्धन (Calgon Conditioning) 

(iv) फॉस्फेट प्रतिबन्धन (Phosphate Conditioning)



यहां क्लिक करें – Q1- मात्रक और विमाएं पूरे चैप्टर के महत्वपूर्ण प्रश्न

यहां क्लिक करें – Q2- समस्थानिक तथा समभारिक की परिभाषा

यहां क्लिक करें – Q3- आफबाऊ नियम पाउली का अपवर्जन नियम तथा हुंड का नियम समझाइए

यहां क्लिक करें – Q4 क्वांटम संख्या महत्वपूर्ण प्रश्न

यहां क्लिक करें – Q5- बोर के परमाणु मॉडल महत्वपूर्ण प्रश्न

यहां क्लिक करें – Q6- संकरण क्या है महत्वपूर्ण प्रश्न

यहां क्लिक करें – Q7- हाइड्रोजन बंध महत्वपूर्ण प्रश्न

यहां क्लिक करें – Q8- सिग्मा बंध और पाई बंध महत्वपूर्ण प्रश्न

यहां क्लिक करें – Q9- ईंधन क्या है महत्वपूर्ण प्रश्न

यहां क्लिक करें – Q10- इंधन के कैलोरीमान महत्वपूर्ण प्रश्न

यहां क्लिक करें – Q11- बम कैलोरी मापक महत्वपूर्ण प्रश्न

यहां क्लिक करें – Q12- आदर्श ईंधन की विशेषताएं महत्वपूर्ण प्रश्न

यहां क्लिक करें – Q13- ठोस तथा द्रव ईंधन महत्वपूर्ण प्रश्न

यहां क्लिक करें – Q14- पेट्रोल तथा डीजल ईंधन महत्वपूर्ण प्रश्न

अच्छा लगा तो शेयर करें

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!