अफबाऊ नियम, पाउली का अपवर्जन नियम तथा हुण्ड का नियम समझाइए ??? || what is hunds rule and pauli exclusion principle with example

Q .  ओफबाऊ नियम पाउली का अपवर्जन तथा हुण्ड का नियम समझाइए ???




ओफबाऊ नियम (Aufbau Principle) :- 


ओफबाऊ जर्मन भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है बनाना या रचना करना (building up) इस नियम के अनुसार इलेक्ट्रॉन परमाणु में अल्पतम ऊर्जा वाले कक्षक से उच्च ऊर्जा के कक्षक में क्रम से प्रवेश पाते हैं।



 परमाणुवीय कक्षकों में इलेक्ट्रॉनों की पूर्ति (Order of Filling Orbitals by Electrons) :-


उपरोक्त नियम परमाणुवीय कक्षकों में इलेक्ट्रॉनों की पूर्ति में सहायक है। कक्षकों में इलेक्ट्रॉनों की पूर्ति ऊर्जा के बढ़ते क्रम में होती है अर्थात् उच्च ऊर्जा की कक्षक भरने से पूर्व निम्न ऊर्जा की कक्षक की पूर्ति होती है। प्रथम दोनों मुख्य ऊर्जा स्तरों के ऊर्जाओं के मान में पर्याप्त अन्तर है। परन्तु तृतीय, चतुर्थ, पंचम एवं उच्च ऊर्जा स्तरों में ऊर्जा का अतिव्यापन हो सकता है। उदाहरणार्थ, जैसे ही परमाणु क्रमांक बढ़ता है, 5s उपकोश में इलेक्ट्रॉन पूर्ति 4d एवं 4f उपकोश से पहले ही होती है। उच्च तत्त्वों (higher elements) के परमाणुओं के उपकोशों में ऊर्जा वृद्धि निम्नलिखित क्रम में होती है और उसी क्रम में इलेक्ट्रॉन भी प्रवेश करते हैं


पाउली का अपवर्जन नियम ( Pauli’s Exclusion Principle) :- 


उपरोक्तानुसार एक परमाणु के प्रत्येक इलेक्ट्रॉन के लिए उपरोक्त चारों क्वान्टम संख्याओं n, l,m, s, के मानों का निर्धारण किया जा सकता है जिससे यह ज्ञात होता है कि इलेक्ट्रॉन कौन से कक्ष में स्थित है तथा यह किस दिशा में चक्रण करता है। परन्तु सन् 1925 में पाउली ने एक नियम प्रतिपादित किया जिसके अनुसार, “किसी भी परमाणु में किन्हीं दो इलेक्ट्रॉन की चारों क्वान्टम संख्याएँ समान नहीं हो सकतीं।” (No two electrons in any one atom may have all four quantum numbers the same). एक ही कक्षक के दो इलेक्ट्रॉनों के n, lm समान होते हैं। अत: पाउली के नियम की सन्तुष्टि के लिए इनके चक्रण अवश्य ही भिन्न होंगे अर्थात् 8 के मान भिन्न-भिन्न होंगे, एक के चक्रण की दिशा दक्षिणावर्त (↓) तथा दूसरे की वामावर्त (1) होगी अर्थात् एक के लिए s का मान तथा दूसरे के लिए होगा।


निम्न तालिका से पाउली के नियम को दर्शाया जा सकता है

जैसा कि पहले बताया जा चुका है कि परमाणु का वह क्षेत्र जिसमें इलेक्ट्रॉन के पाए जाने की सम्भावना होती है, परमाणु कक्षक कहलाता है। l = 0 इलेक्ट्रॉन मेघ की आकृति गोलाकार होती है और इलेक्ट्रॉन 8 कक्षक में होता है। जब l = 1 कक्षक डम्बेल के आकार का होता तथा इलेक्ट्रॉन p कक्षक का होता है। जब l = 2 तथा l = 3 , इलेक्ट्रॉन नेत्र के आकार जटिल हे जाते हैं तथा ये क्रमश: d अथवा f कक्षक में होते हैं।



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हुण्ड का नियम (Hund’s Rule) :- 


हुण्ड के नियम के अनुसार किसी भी उपकोश के कक्षक में इलेक्ट्रॉन तब तक युग्मित नहीं होते जब तक कि उनके लिए प्राप्त रिक्त कक्षक समाप्त नहीं हो जाते हैं। नाइट्रोजन (परमाणु क्रमांक = 7) का इलेक्ट्रॉन विन्यास 1s² 2s², 2p³ है। इसके परमाणु के कक्षकों में इलेक्ट्रॉन वितरण निम्न प्रकार होगा


जैसा कि स्पष्ट है नाइट्रोजन के 2p कक्षक में तीन इलेक्ट्रॉन एक-एक करके Px , Py, एवं pz में वितरित हो जाते हैं, अतः इनका जोड़ा नहीं बन पाता। परमाणु क्रमांक 8, 9 एवं वाले तत्त्वों का इलेक्ट्रॉन वितरण निम्न प्रकार है



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