सार्थक अंकों से आप क्या समझते हैं | सार्थक अंक कैसे निकालते हैं | सार्थक अंक की परिभाषा


सार्थक अंक :-


किसी माप को जितने अंकों में शुद्ध रूप में प्राप्त किया जा सकता है अर्थात् उन अंकों की संख्या को जिनके द्वारा किसी राशि को निश्चित रूप से व्यक्त किया जा सकता है, सार्थक अंक कहते हैं। किसी माप में सार्थक अंकों को ज्ञात करने के लिए अग्रलिखित बातें ध्यान में रखते हैं 


1:- 10 की घातों के गुणनफल का सार्थक अंकों की संख्या पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। जैसे- 8.2 x 10² तथा 8.2 x 10⁴ में सार्थक अंकों की संख्या दो है। दो अशून्य अंकों के बीच सभी शून्य अंक सार्थक होते हैं।


जैसे- 50.002 में 5 सार्थक अंक हैं।


2:- यदि दशमलव बिन्दु के पहले अशून्य अंक नहीं है, तो दशमलव के तुरन्त बाद के अंकों को छोड़कर सभी अंक सार्थक होते हैं। जैसे- 0.024 शून्य तथा 0.07284 में क्रमशः 2 तथा 4 सार्थक अंक हैं।


3:-  यदि दशमलव से पहले कोई अशून्य अंक है तब दशमलव के तुरन्त बाद के शून्य अंक भी सार्थक होते हैं। जैसे- 8.00240 में 6 तथा 7.450 x 10⁵ में 4 सार्थक अंक हैं।


4:- जोड़ते तथा घटाते समय किसी भी राशि में दशमलव बिन्दु के बाद जितने कम अंक होते हैं, प्रत्येक माप में दशमलव के बाद उतने ही सार्थक अंक रखने चाहिए 


जैसे- 84.3+24.32+1.234+ 0.543 का सार्थक अंकों में योग = 84.3 + 24.3+1.2 + 0.5 = 110.3 है। • विभिन्न मापों की गुणा तथा भाग करने पर प्राप्त गुणनफल तथा भागफल में केवल उतने ही सार्थक अंक रखने चाहिए जितने कि सबसे कम सार्थक अंकों वाली माप में हैं।



5:-विभिन्न मापो की गुणा तथा भाग करने पर प्राप्त गुणनफल तथा भागफल में केवल उतने ही सार्थक अंक रखने चाहिए जितने की सबसे कम सार्थक अंकों वाली माप में है


जैसे- यदि किसी घनाभ की लम्बाई, चौड़ाई तथा ऊँचाई क्रमशः 1.2 सेमी, 1.31 सेमी तथा 1.42 सेमी हैं, तो आयतन = 2.232 घन सेमी में 4 अंक हैं लेकिन चूँकि लम्बाई में दो ही सार्थक अंक हैं अतः आयतन में भी दो सार्थक अंक होंगे। अतः आयतन 2.2 घन सेमी लेंगे।

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