मात्रक और विमाएं पूरे चैप्टर के महत्वपूर्ण प्रश्न , विमीय सूत्र , विमीय समांगता का सिद्धांत || Unit & Dimensions V.imp Questions Answer || 1semester Applied Physics

मात्रक और विमाएं पूरे चैप्टर के महत्वपूर्ण प्रश्न , विमीय सूत्र , विमीय समांगता का सिद्धांत || Unit & Dimensions V.imp Questions Answer



बहुविकल्पीय प्रश्न



1. वेग v = u + at में a की विमा होगी (t समय है) –


(a) [MLT-² ]

(b) [M°LT-¹]

(c) [M°LT – ²]

(d) [M°LT-³]



उत्तर – (b) [M°LT-¹]




2. संवेग की विमा है


(a) [M°LT] 

(b) [M°L²T]

(c) [MLT – 2 ]

(d) [MLT-1]



उत्तर – (d) [MLT-1]




3. [ML2T-1] किस भौतिक राशि की विमा है?


(a) प्लांक नियतांक

(b) दाब

(c) बल

(d) संवेग


उत्तर-(a) प्लांक नियतांक




4. निम्न में से किस युग्म राशि की विमाएँ समान हैं?


(a) कार्य व बल आघूर्ण

(b) ऊर्जा व यंग प्रत्यास्थता गुणांक

(c) बल व ऊर्जा

(d) संवेग व वेग


उत्तर-(a) कार्य व बल आघूर्ण




5. गतिज ऊर्जा की विमा है


(a) [MLT-²]

(b) [ML²T-² ]

(c) [M°LT-¹]

(d) [ML²P⁰]


उत्तर (b) [ML²T-² ]



6. 1 किलोवाट घण्टा में कितने अर्ग हैं?


(a) 36×10¹³ अर्ग

(b) 36×10¹³ अर्ग

(c) 72×10¹³ अर्ग

(d) 72×10¹⁵ अर्ग


उत्तर-(a) 36×10¹³ अर्ग


7. एक जूल में कितने अर्ग होते हैं?


(a) 10⁷ अर्ग 

(b) 10⁵ अर्ग

(c) 10³ अर्ग

(d) 10 अर्ग


उत्तर-(a) 10⁷ अर्ग




8. 5.0, 5.00 व 5,000 में अधिक यथार्थ माप होगी


(a) 5.0

(b) 5.00

(c) 5.000

(d) तीनो ही


उत्तर–(C) 5.000


9. 5145 न्यूटन में सार्थक अंक है-


(a) 3

(b) 2

(c) 4

(d) 1


उत्तर-(c) 4



10. 1850 ग्राम में सार्थक अंक हैं


(a) 3

(b) 2

(c) 2

(d) 1


उत्तर-(a) 3




11.25.000 सेमी में सार्थक अंक होंगे


(a) 4

(b) 2

(c) 1

(d) 5


उत्तर-(d) 5




12- 0.01949 सेमी को तीन सार्थक अंकों तक राउण्डिंग ऑफ करने पर प्राप्त होगा


(a) 0.01 सेमी

(b) 0.01949 सेमी

(c) 0.019 सेमी

(d) 0.0195 सेमी


उत्तर (d) 0.0195 सेमी




13. 5.74 x 10³ सेमी व 4.52×10² सेमी को जोड़े तो प्राप्त होगा


(a) 6.19×10³ सेमी 

(b) 6.192×10³ सेमी 

(c) 6.1×10³ सेमी

(b) 6.192×10³ सेमी


उत्तर-(b) 6.192×10³ सेमी


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विमीय सूत्र



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            अति लघु उत्तरीय प्रश्न


प्रश्न 1. भौतिक राशि की विमा किसे कहते हैं?


उत्तर- भौतिक राशि की विमाएँ वे घातें होती है जिन्हें हम उस राशि के मात्रक को व्यक्त करने के लिए मूल मात्रकों पर हते हैं।


प्रश्न 2. निम्न में से किस भौतिक राशि की विमा नहीं होती है, लेकिन मात्रक होता है 

(अ) विकृति 

(ब) कोण

(स) ऊर्जा


उत्तर-(ब) कोण


प्रश्न 3. विमीय विश्लेषण की क्या सीमाएँ हैं?


उत्तर – (i) भौतिक राशि सदिश है या अदिश यह इसके द्वारा ज्ञात नहीं किया जा सकता। (ii) त्रिकोणमितीय पद व लघुगणकीय पदों वाले समीकरणों का विश्लेषण इससे नहीं कर सकते हैं।



 प्रश्न 4. आदर्श गैस समीकरण PV = RT से R का विमीय सूत्र ज्ञात कीजिए।


उत्तर -R का विमीय सूत्र = PV / T का विमीय सूत्र


= [ML-¹T-² ] [L³ ] [θ−¹ ]


= [ML²T-²θ-¹]


प्रश्न 5. गतिज ऊर्जा का मात्रक व विमीय सूत्र लिखिए।


उत्तर- मात्रक जूल, विमीय सूत्र [ML²T-²]


प्रश्न 6. मापक यन्त्र की यथार्थता की सीमा से क्या तात्पर्य है?

उत्तर- किसी भी मापक यन्त्र का अल्पतमांक, उसकी यथार्थता की सीमा कहलाती है।


जैसे-मीटर पैमाने का अल्पतमांक 0.1 सेमी है। अतः मीटर पैमाने की यथार्थता की सीमा 0.1 सेमी होगी। 


प्रश्न 7. सार्थक अंक किसे कहते हैं?


उत्तर :- किसी राशि की माप में यथार्थतापूर्वक ज्ञात अंकों को तथा पहले संदिग्ध अंकों को सार्थक अंक कहते हैं। 

जैसे- 11.8 में तीन सार्थक अंक हैं।


प्रश्न 8. मापी गयी राशि 20.030 में कितने सार्थक अंक हैं? 

(अ) 2 

(ब) 4

(स) 5


उत्तर-5


प्रश्न 9. क्रमबद्ध त्रुटियाँ किसे कहते हैं?


उत्तर – क्रमबद्ध त्रुटिया वे हैं जो या तो धनात्मक या ऋणात्मक होती हैं। ये त्रुटियाँ एकदिशीय होती है।


प्रश्न 10. सापेक्ष त्रुटि किसे कहते हैं ? सूत्र भी लिखिए।

उत्तर – “माध्य परम त्रुटि व मध्यमान का अनुपात सापेक्ष त्रुटि कहलाता है।’


प्रश्न 11 प्रतिशत त्रुटि किसे कहते हैं? सूत्र भी लिखिए। 

उत्तर-जब सापेक्ष त्रुटि प्रतिशत में व्यक्त की जाती है, तब वह प्रतिशत त्रुटि कहलाती है।


प्रश्न 12. S.I. प्रणाली क्या है?


उत्तर – सात मूल मात्रकों तथा दो पूरक मूल मात्रको पर आधारित माप की प्रणाली S.I. प्रणाली कहलाती है। 


प्रश्न 13. कोणीय संवेग और बल आघूर्ण के S.I. मात्रक तथा विमा लिखिए।


उत्तर- (i) कोणीय संवेग का S.I. मात्रक = (किग्रा-मी2) / सेकण्ड 

विमा = [ML²T-²]


(ii) वल आघूर्ण का मात्रक = न्यूटन मी


विमा = [ML²T-²]


प्रश्न 14. व्युत्पन्न मात्रक क्या है?


उत्तर-ऐसे मात्रक जिन्हें मूल मात्रकों की सहायता से प्राप्त किया जाता है, व्युत्पन्न मात्रक कहलाते हैं।


प्रश्न 15. विमीय नियतांक को उदाहरण सहित परिभाषित कीजिए।


उत्तर–वे राशियां जिनका परिमाण निश्चित होता है तथा जिनकी विमा भी होती है, विमीय नियताक कहलाती


जैसे- प्लांक नियतांक (1), सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियताक (G)




प्रश्न 16. विमा तथा मात्रक में क्या सम्बन्ध है?

 उत्तर- किसी भौतिक राशि का मूल मात्रक ज्ञात होने पर उसकी विमा ज्ञात की जा सकती है उसी प्रकार किसी भौतिक राशि की विमा ज्ञात होने पर उसका मूल मात्रक ज्ञात किया जा सकता है।


प्रश्न 17. प्रकाश वर्ष किसका मात्रक है?

 उत्तर- प्रकाश वर्ष दूरी का मात्रक है।


प्रश्न 18. एक भौतिक राशि का नाम लिखिए, जिसका मात्रक है परन्तु विमा नहीं। 

उत्तर- कोण, इसका मात्रक रेडियन है तथा इसकी कोई विमा नहीं होती है।


प्रश्न 19 तारत्व का मात्रक क्या है?

उत्तर- तारत्व का मात्रक हर्ट्ज है।


प्रश्न 21. गुरुत्वाकर्षण नियतांक का विमीय सूत्र लिखिए।


उत्तर – [M-¹L³T-² ]


प्रश्न 22. एक भौतिक राशि का नाम लिखिये जिसकी विमा नहीं होती है।


उत्तर- कोण


प्रश्न 23. यंग प्रत्यास्थता गुणांक के विमीय सूत्र को लिखिये।


उत्तर – [ML-¹ T-²]



प्रश्न 1. विमीय समीकरण क्या है? विमीय समांगता के सिद्धान्त का उल्लेख कीजिए। 


उत्तर- किसी भौतिक स्थिति को दर्शाने वाले भौतिक सूत्र में उपस्थित सभी राशियों के  मात्रकों को विमीय रूप में लिखने पर जो समीकरण प्राप्त होता है उसे विमीय समीकरण कहते हैं। 

जैसे—(1) कार्य का विमीय समीकरण


कार्य = बल x विस्थापन


W=F x d 


भौतिक राशियों के विमीय रूप लिखने पर


      W = [M¹L¹T-² ] × [M°L¹T° ]


               W = [M¹L²T-²]



2. शक्ति का विमीय समीकरण


सूत्र –    शक्ति = कार्य /समय


भौतिक राशियों के विमीय रूप लिखने पर,


P= [M¹L²T-²]/[M⁰L⁰T-¹]

या

P = [M¹L²T-³]


विमीय समीकरण में विमाओं के लिए लगाया गया कोष्ठक [] दर्शाता है कि समीकरण भौतिक राशि की विमाओं के बीच है न कि उनके परिमाणों के बीच।



विमीय समांगता के सिद्धान्त:- 

इस सिद्धान्त के अनुसार, “किसी भौतिक स्थिति को दर्शाने वाला समीकरण विमाओ की दृष्टि से समांग होता है।” अर्थात् किसी विमीय समीकरण के विमीय संतुलन के लिए यह आवश्यक है कि उस समीकरण के बायीं ओर की राशियो (पदों) की विमायें एवं दाहिनी ओर की राशियो (पदों) की बिमायें (घाते) बरामी किसी समीकरण में कई पद जोड़े अथवा घटाये गये हैं तो प्रत्येक जुड़ने अथवा घटने वाले पदों को विमायें भी एक समान होती चाहिये।





 प्रश्न 2. वाण्डर वाल्स समीकरण  [P+a/v²] (V – b) = RT में नियतांकों ‘a’ व ‘b’ की विमा ज्ञात कीजिए,



प्रश्न 3. विमीय विधि द्वारा दिखाइये कि सरल लोलक के आवर्तकाल के लिए समीकरण T = 2π l/g गलत है। इसका सही समीकरण ज्ञात कीजिए।


उत्तर – T = 2π l/g

या  T = 2πlg-¹


बायें पक्ष की विमा दायें पक्ष को विमा


यहाँ 2n विमाहीन राशि है। दोनों पक्षों के विमीय सूत्र लिखने पर


     [M⁰L⁰T¹] = [M⁰L¹T⁰] [M⁰L¹T-²] – ¹


     [M⁰L⁰T¹] = [M⁰L¹T⁰][M⁰ L-¹ T²]


              [M⁰L⁰T¹] = [M⁰L⁰T²]


इस समीकरण के दोनों पक्षों में पदों को विमाये समान नहीं है। अतः समीकरण असत्य है।




प्रश्न 4. समीकरण v²= u² + 2as की सत्यता की जाँच विमीय विधि से कीजिए। उत्तर- दिया है, v²= u ² + 2as


बायें पक्ष की विमा = V² की विमा


    = [LT-¹ ]² = [L²P-² ]


दायें पक्ष की विमा = (u² + 2as) की विमा


= [LT−¹] + [LT-²] [L]


= [L²T−² ] + [L²r-² ] = [L²T-²]


दायें पक्ष की विमा बाये पक्ष की विमा


समीकरण सही है।




प्रश्न 5 . विमीय विश्लेषण के गुण और दोषों का उल्लेख कीजिए । 


उत्तर – विमीय विश्लेषण के गुण विमीय विश्लेषण के गुण निम्नलिखित हैं


1. इसके द्वारा मात्रकों की किसी पद्धति में किसी दी गई भौतिक राशि के मात्रक ज्ञात किये जा सकते हैं। 


2. इसके द्वारा किसी भौतिक नियतांक की विमाएँ तथा मात्रक ज्ञात किये जा सकते हैं।


3. इसके द्वारा किसी भौतिक राशि के परिमाण को एक पद्धति से दूसरी पद्धति के मात्रकों में बदल सकते हैं।


 4. इसके द्वारा किसी दी हुई भौतिक समीकरण की विमीय सत्यता की जाँच की जा सकती है। 


विमीय विश्लेषण के दोष :- विमीय विश्लेषण के दोष निम्नलिखित हैं


1. इस विधि से किसी भौतिक राशि का सूत्र निकालने पर प्रयुक्त अनुक्रमानुपाती नियतांक का आंकिक मान ज्ञात नहीं हो सकता।


2. यदि कोई भौतिक राशि तीन से अधिक भौतिक राशियों पर निर्भर करती हो तो इन राशियों के बीच सम्बन्ध, इस विधि द्वारा स्थापित नहीं किया जा सकता है।


3. यदि कोई भौतिक राशि केवल तीन भौतिक राशियों पर ही निर्भर करती है परन्तु इन तीनों में से दो राशियों की विमाएँ समान हों तब भी इन राशियों के बीच सूत्र ज्ञात करने के लिए, विमीय विधि का प्रयोग नहीं किया जा सकता। 


4. विमाएँ ज्ञात होने पर भी भौतिक राशि निश्चित नहीं हो सकती क्योंकि विभिन्न राशियों की विमाएँ समान हो सकती हैं।


 5. यदि किसी सूत्र में त्रिकोणमितीय, चरघातांकी तथा लघुगणकीय पद हों तो इस विधि द्वारा सूत्र स्थापित नहीं किया जा सकता है।






प्रश्न 6 . किसी भौतिक राशि की विमा, विमीय सूत्र तथा विमीय विश्लेषण की सीमाएँ बाताइए।

 

उत्तर – विमायें — भौतिकी में मूल राशियों के अतिरिक्त अन्य सभी भौतिक राशियों (व्युपन्न राशियों) को मूल राशियों के पदों में व्यक्त किया जाता है। इसके लिए मूल राशियों जैसे द्रव्यमान, लम्बाई, समय, ताप, धारा, ज्योति तीव्रता तथा पदार्थ की मात्रा को क्रमशः विमा प्रतीको [M], [L], [T], [θ], [A], [I] तथा [n] से प्रदर्शित करते हैं। इन्हें विमीय प्रतीक कहते हैं।


व्युत्पन्न राशि को मूल राशियों द्वारा व्यक्त करने के लिए उनके मूल राशियों के विमीय प्रतीको पर समुचित घाते लगाकर उनके गुणनफल के रूप में लिखते हैं।


जैसे


वेग = विस्थापन / समय 

या 



  वेग = दूरी की विमा [L] / समय की विमा (T)


      [LT-¹]  




आयत का क्षेत्रफल = ल० x चौ०


         = ल० की विमा x  चौड़ाई को विमा


            = [L] × [L] = [L] ²


             = [M⁰L²T⁰ ]


विमीय सूत्र :-  किसी भौतिक राशि (व्युत्पन्न) का विमीय सूत्र  वह व्यंजक है जो यह दर्शाता है कि वह भौतिक राशि किस प्रकार शामिल है।”


जैसे घनत्व का विमीय सूत्र [ML-³T⁰ ] तथा त्वरण का [M⁰LT-²] है। विमीय सूत्र मूल मात्रको तथा व्युत्पन्न मात्रको के मध्य सम्बन्ध बताता है।




    विमीय विश्लेषण विधि की सीमायें 


1. इस विधि से सूत्रों में उपस्थित नियतांको  K (विमाहीन) का आंकिक मान निकालना सम्भव नहीं है। इसे प्रयोग या अन्य विधि से प्राप्त किया जा सकता है।


2. यदि कोई भौतिक राशि तीन राशियों से अधिक राशियों पर निर्भर करती हो तो इन राशियों के मध्य परस्पर सम्बन्ध इस विधि द्वारा स्थापित नहीं किया जा सकता है परन्तु किसी दिये हुए इस प्रकार के समीकरण की विमीय सत्यता की जांच की जा सकती है।


3. त्रिकोणमितीय अनुपातों (sin 0, cos 9, tan 8) चर घातांकीय (ex) तथा लघुगणक (logx) पदों वाले समीकरणों का निगमन विमीय विश्लेषण विधि से सम्भव नहीं है किन्तु इनको विमीय सत्यता की जांच की जा सकती है। 


4. कोई भौतिक राशि सदिश है अथवा अदिश विमीय विश्लेषण विधि से ज्ञात नहीं किया जा सकता है।


5. यदि किसी समीकरण में स्थिराक (K) विमाहीन न हो तो उस समीकरण के निगमन के लिए विमीय विश्लेषण विधि प्रयोग में नहीं लायी जा सकती है।

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