द्रव्य पूरा चैप्टर || Matter full chapter पूरा चैप्टर हिंदी में | महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर + थ्योरी || Polytechnic 2022 Physics -Matter full chapter | Theory + Question Answer पॉलिटेक्निक प्रवेश परीक्षा 2022 |

 द्रव्य पूरा चैप्टर


परिचय :- 


ब्रह्माण्ड दो अवयवों से मिलकर बना है द्रव्य तथा ऊर्जा। वे सभी वस्तुएँ, जो स्थान घेरती हैं, जिनमें भार होता है तथा जिनका ज्ञान हम अपनी ज्ञानेन्द्रियों के द्वारा कर सकते हैं, द्रव्य कहलाती हैं।



भार तथा द्रव्यमान :-


जिस बल से पृथ्वी किसी वस्तु को अपनी ओर आकर्षित करती है, उसे उस वस्तु का भार कहते हैं। इसका मान पृथ्वी के विभिन्न स्थानों पर भिन्न-भिन्न होता है।

किसी वस्तु में विद्यमान द्रव्य के सम्पूर्ण परिमाण को उस वस्तु का द्रव्यमान कहा जाता है। द्रव्यमान को संहति या मात्रा भी कहते हैं। इसका मान सभी स्थानों पर निश्चित रहता है तथा इसकी इकाई किग्रा है।


W=mg जहाँ, W = भार


m = द्रव्यमान एवं g= गुरुत्वीय त्वरण




ऊर्जा :- 


किसी वस्तु के कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा कहते हैं। ऊर्जा का न तो भार होता है और न ही आकार। यद्यपि ऊर्जा के प्रभाव का अनुभव ज्ञानेन्द्रियों द्वारा किया जा सकता है। प्रकाश, ऊष्मा, विद्युत, ध्वनि आदि ऊर्जा के विभिन्न रूप हैं।


द्रव्यमान तथा ऊर्जा में सम्बन्ध :- 


आइन्सटीन के अनुसार, यदि द्रव्य नष्ट होता है तब उसी के समतुल्य ऊर्जा निर्मुक्त होती है। अतः द्रव्यमान तथा ऊर्जा में सम्बन्ध दर्शाने के लिए आइन्सटीन ने निम्न समीकरण दिया


E = mc² जहाँ, E = उत्पन्न ऊर्जा की मात्रा

m= नष्ट हुआ द्रव्यमान 

c= प्रकाश का वेग (3 x 10⁸ मी से -¹)




द्रव्य की अवस्थाएँ :- 


द्रव्य निम्नलिखित भौतिक अवस्थाओं में पाया जाता है.


ठोस अवस्था :- 


द्रव्य की वह अवस्था जिसमें उसका आकार तथा आयतन दोनों निश्चित होते हैं, ठोस अवस्था कहलाती है। उदाहरण लोहा, लकड़ी, पत्थर, बर्फ, गन्थक आदि।



द्रव अवस्था :- 


द्रव्य की वह अवस्था जिसमें उसका आयतन तो निश्चित होता है लेकिन आकार अनिश्चित होता है, द्रव अवस्था (liquid state) कहलाती है। उदाहरण जल, दूध, तेल, पारा, ग्लिसरीन आदि।



गैस अवस्था :-


द्रव्य की वह अवस्था जिसमें उसका आयतन तथा आकार दोनों ही निश्चित नहीं होते हैं, गैस अवस्था कहलाती है। ये जिस पात्र में रखे जाते हैं, उसी का आकार व आयतन ग्रहण कर लेते हैं। उदाहरण वायु, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन, ऑक्सीजन आदि ।


चूँकि द्रव तथा गैसों में बहने का गुण होता है अतः इन्हें तरल पदार्थ भी कहा जाता है।


जल विभिन्न दशाओं में भिन्न-भिन्न अवस्थाओं में रह सकता है। उदाहरण सामान्य ताप पर जल, द्रव अवस्था में पाया जाता है। O°C से कम ताप पर यह बर्फ (ठोस) के रूप में पाया जाता है तथा 100°C ताप पर यह वाष्प (गैस) के रूप में पाया जाता है।



प्लाज्मा :- 


द्रव्य की चौथी अवस्था है। यह सर्वविदित है कि ठोस, द्रव एवं गैस सभी विद्युतीय रूप से उदासीन रहते हैं लेकिन ब्रह्माण्ड में पदार्थ का अधिकांश भाग आयनित अवस्था में पाया जाता है। यही आयनीकृत अवस्था प्लाज्मा कहलाती है।


प्लाज्मा का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक संयन्त्रों में होने के कारण निरन्तर बढ़ता जा रहा है। इसका उपयोग ऊष्मानाभिकीय शक्ति और विद्युतीय शक्ति के लिए हो सकता है। प्लाज्मा के कारण ही सूर्य और तारों में चमक होती है।


नोट :- भौतिकी की वह शाखा जो विद्युत उत्पादन के लिए प्लाज्मा का अध्ययन करती है ‘मैग्नेटो हाइड्रो गतिकी’ कहलाती है। फ्लोरोसेन्ट ट्यूब और नियॉन बल्ब में प्लाज्मा होता है।




बोस आइन्सटीन कन्डनसेट :-


यह द्रव्य की पाँचवीं ज्ञात अवस्था है। यह भी ताप तथा दाब की विशिष्ट परिस्थितियों के अन्तर्गत देखी जा सकती है। द्रव्य की प्रथम तीन अवस्थाएँ ही सामान्यतः देखी जा सकती


द्रव्यों में अवस्था परिवर्तन :- 


द्रव्य की अवस्था परिवर्तन का मुख्य कारण, उसमें उपस्थित अणुओं की गतिज एवं स्थितिज ऊर्जा में परिवर्तन है। तापमान बढ़ाने पर, अणुओं की गतिज ऊर्जा अधिक होने के कारण, द्रव्य अपनी ठोस अवस्था से द्रव अवस्था में परिवर्तित हो जाता है। तापमान में और अधिक वृद्धि करने पर, गतिज ऊर्जा अत्यधिक होने के कारण अणु मुक्त रूप से गति करने लगते हैं अर्थात् द्रव्य, गैस अवस्था में परिवर्तित हो जाता है। तापमान कम करने पर उपरोक्त के विपरीत क्रियाएँ होती हैं तथा द्रव्य, ठोस अवस्था में

परिवर्तित हो जाता है।

द्रव्य, अपनी एक अवस्था से दूसरी अवस्था में निम्न प्रक्रमों द्वारा परिवर्तित होता है



गलन :-  


वह निश्चित ताप, जिस पर कोई द्रव्य अपनी ठोस अवस्था से पूर्ण रूप से द्रव अवस्था में परिवर्तित हो जाता है, उस द्रव्य का गलनांक कहलाता है तथा यह प्रक्रम गलन कहलाता है। अशुद्धि की उपस्थिति में गलनांक कम हो जाता है।


हिमांक:- 


वह निश्चित ताप, जिस पर कोई द्रव्य अपनी द्रव अवस्थाvसे ठोस अवस्था में परिवर्तित हो जाता है अर्थात् जम जाता है, उस द्रव्य का हिमांक कहलाता है।

जल का हिमांक 0°C होता है।

अशुद्धि की उपस्थिति में हिमांक घट जाता है।



क्वथन :- 


वह निश्चित ताप जिस पर कोई द्रव उबलना शुरू होता है अथवा गर्म करने पर जिस ताप पर द्रव का वाष्पदाब, वायुमण्डलीय दाब के बराबर हो जाता है, उस द्रव का क्वथनांक कहलाता है तथा यह प्रक्रम क्वथन कहलाता है। अशुद्धि की उपस्थिति में क्वथनांक बढ़ जाता है।

दाब बढ़ने पर क्वथनांक बढ़ जाता है तथा दाब कम होने पर क्वथनांक कम हो जाता है। उदाहरण :- 


(i) पहाड़ों पर वायुमण्डलीय दाब का मान कम होता है अतः द्रव का वाष्पदाब, कम तापमान पर ही, वायुमण्डलीय दाब के समान हो जाता है तथा द्रव कम ताप पर ही उबलने लगता है। अतः पहाड़ों पर जल अपने सामान्य क्वथनांक से पहले ही उबलने लगता है।


(ii) प्रेशर कुकर से वाष्प बाहर नहीं जा सकती, इस कारण कुकर में जल पर दब बढ़ जाता है। अतः जल का क्वथनांक भी बढ़ जाता है। कुकर में उच्च ताप प्राप्त हो जाने के कारण दाल शीघ्रता से गल जाती है। सामान्य परिस्थितियों में जल का क्वथनांक 100°C होता है।


वाष्पन :- 


किसी भी ताप पर, द्रव के वाष्प में बदलने की क्रिया वाष्पन कहलाती है। वाष्पन की दर, द्रव की सतह के क्षेत्रफल, वायुमण्डल के ताप तथा वायु में आर्द्रता पर निर्भर के करती है।




द्रव्य का अणुगति सिद्धान्त


इस सिद्धान्त के अनुसार,


* द्रव्य अत्यन्त छोटे-छोटे कणों से मिलकर बना है, जो स्वतन्त्र अवस्था में रह सकते हैं। इन कणों को अणु कहते हैं।


एक ही द्रव्य के समस्त अणु सभी प्रकार से गुणधर्मों में समान होते हैं जबकि विभिन्न द्रव्यों के अणु गुणधर्मों में भिन्न-भिन्न होते हैं।


द्रव्य के अणुओं के मध्य कुछ रिक्त स्थान होता है जिसे अन्तरा- आण्विक स्थान कहते हैं।


द्रव्य के अणुओं के मध्य आकर्षण तथा प्रतिकर्षण बल कार्य करता है जिसके कारण उनमें स्थितिज ऊर्जा होती है। इस आकर्षण बल को ससंजक बल कहते हैं। यह ससंजक बल ठोस अवस्था में सबसे अधिक परन्तु गैसीय अवस्था में सबसे कम होता है।


द्रव्य के अणु निरन्तर गति करते रहते हैं जिसके कारण उनमें गतिज ऊर्जा होती है। 


द्रव्य का ताप बढ़ाने से उसके अणुओं की गतिज ऊर्जा बढ़ती है।




परमाणु :- 


यह द्रव्य का वह सूक्ष्मतम कण है जो किसी रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेता है। यह स्वतन्त्र रह भी सकता है और नहीं भी। बहुत से (समान अथवा असमान ) परमाणु संयुक्त होकर अणु का निर्माण करते हैं।


नोट :-  अणु का निर्माण दो या दो से अधिक परमाणुओं के निश्चित अनुपात में जुड़ने से होता है जिसका अणुभार उसमें उपस्थित सभी परमाणुओं के परमाणु भारों को जोड़कर प्राप्त किया जाता है।


द्रव्य का वर्गीकरण :- 


रासायनिक संघटन  के आधार पर द्रव्य को निम्न प्रकार वर्गीकृत

किया गया है




शुद्ध पदार्थ :-  


वे द्रव्य, जिनका रासायनिक संघटन निश्चित होता है, शुद्ध पदार्थ अथवा शुद्ध द्रव्य कहलाते हैं। ये दो प्रकार के होते हैं तत्व एवं यौगिक



तत्व :-  


वे द्रव्य जो केवल एक ही प्रकार के परमाणुओं से मिलकर बने होते हैं अथवा जो किसी भी विधि से दो या दो से अधिक भिन्न गुणों वाले पदार्थों में विभाजित नहीं किए जा सकते हैं और न हीं उनसे बनाए जा सकते हैं, तत्व कहलाते हैं। अब तक लगभग 108 तत्वों की खोज हो चुकी है।


उदाहरण- लोहा (Fe), मर्करी (Hg), कॉपर (Cu), ऑक्सीजन (O) आदि । तत्वों को


उनके गुणधर्मों में समानता के आधार पर निम्न तीन वर्गों में विभाजित किया गया है

(i) धातु-  ऐसे तत्व, जिनमें धात्विक चमक  उच्च ऊष्मा चालकता, उच्च विद्युत चालकता, आघातवर्धनीयता तथा तनन सामर्थ्य आदि गुण पाए जाते हैं, धातु कहलाते हैं। उदाहरण ताँबा (Cu), लोहा (Fe), चाँदी (Ag), पारा (Hg), जस्ता (Zn) आदि तत्व धातु हैं।


(ii) अधातु- तत्व, जिनमें धातुओं से विपरीत गुणधर्म हैं, अधातु कहलाते हैं। उदाहरण सल्फर (S), फॉस्फोरस (P), कार्बन (C), आयोडीन (I2), हाइड्रोजन (H2), ऑक्सीजन (O2), क्लोरीन (Cl2), ब्रोमीन (Br 2) आदि तत्व अधातु हैं।


(iii) उपधातु-  वे तत्व, जिनके गुणधर्म धातुओं तथा अधातुओं के

बीच में होते हैं, उपधातु कहलाते हैं। उदाहरण जर्मेनियम(Ge), आर्सेनिक (As), एन्टीमनी (Sb) आदि उपधातुएँ हैं।



तत्वों का मुख्य स्रोत भू-पर्पटी है। भूपर्पटी में सर्वाधिक पाया जाने वाला तत्व ऑक्सीजन है जोकि एक अधातु है। एल्युमीनियम भू-पर्पटी में सर्वाधिक मात्रा में पायी जाने वाली धातु है।





यौगिक :- 


वे पदार्थ, जो दो या दो से अधिक तत्वों के निश्चित अनुपात में रासायनिक संयोग से बनते हैं, यौगिक कहलाते हैं।

उदाहरण :-  जल (H2O), दो तत्वों हाइड्रोजन (H) तथा ऑक्सीजन (O) से मिलकर बना है। नमक (NaCl) दो तत्वों सोडियम (Na) तथा

क्लोरीन (Cl) से मिलकर बना है। यौगिकों के गुणधर्म उनके अवयवों के गुणधर्मों से भिन्न होते हैं।


वायु से क्रिया के आधार पर यौगिक निम्न प्रकार के हो सकते हैं


(i) उत्फुल्ल पदार्थ :-  वे क्रिस्टलीय यौगिक, जो वायु में रखने पर अपना कुछ अथवा सम्पूर्ण क्रिस्टलीय जल वायु को दे देते हैं, उत्फुल्ल पदार्थ कहलाते हैं। उदाहरण फेरस सल्फेट, [ FeSO47H2O (हरा कसीस)], फिटकरी [पोटाश एलम, K2SO4 Al2 (SO4 )3 24H2O], धावन सोडा [ Na, CO3 · 10H, O] आदि उत्फुल्ल पदार्थ हैं।


(ii) आर्द्रताग्राही पदार्थ :- वे यौगिक जो नम वायु में रखने पर वायु से नमी ग्रहण करके हाइड्रेट या हाइड्रॉक्साइड बनाते हैं, परन्तु संतृप्त विलयन (वह विलयन जिसमें यौगिक की ओर अधिक मात्रा नहीं घोली जा सकती है) नहीं बनाते, आर्द्रताग्राही पदार्थ कहलाते हैं। उदाहरण निर्जल कॉपर सल्फेट (CuSO4), बिना बुझा चूना (CaO) तथा निर्जल सोडियम कार्बोनेट (Na2 CO3) आर्द्रताग्राही पदार्थ हैं।


(iii) प्रस्वेद्य पदार्थ :-  वे यौगिक, जो नम वायु में रखने पर, वायु से नमी ग्रहण करके संतृप्त विलयन बना लेते हैं, प्रस्वेद्य पदार्थ कहलाते हैं। यौगिकों का यह गुण प्रस्वेद्यन कहलाता है। उदाहरण सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH), पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड (KOH), निर्जल कैल्सियम क्लोराइड (CaCl2), निर्जल फेरिक क्लोराइड (FeCl3 ) आदि प्रस्वेद्य पदार्थ हैं।




अशुद्ध पदार्थ अथवा मिश्रण :- 


वे द्रव्य, जो दो या दो से अधिक द्रव्यों को किसी भी अनुपात में मिला देने पर बनते हैं,

मिश्रण कहलाते हैं। उदाहरण चीनी और नमक का मिश्रण।


मिश्रण दो प्रकार के होते हैं समांगी मिश्रण तथा विषमांगी मिश्रण। 


समांगी मिश्रण :- 


जिस द्रव्य के प्रत्येक भाग का संघटन  एक जैसा होता है, उसे समांगी

मिश्रण कहते हैं उदाहरण जल तथा चीनी का मिश्रण।



विषमांगी मिश्रण :-  


जिस द्रव्य के प्रत्येक भाग का संघटन एक जैसा नहीं होता है, उसे विषमांगी मिश्रण कहते हैं। उदाहरण बालू तथा रेत का मिश्रण।




द्रव्य (पदार्थों) में होने वाले परिवर्तन :- 

पदार्थों में निम्नलिखित दो प्रकार के परिवर्तन होते हैं


भौतिक परिवर्तन :- वे परिवर्तन जिनमें पदार्थों के स्वरूप एवं भौतिक गुणधर्मों में अस्थायी परिवर्तन होता है, जबकि उनके भार तथा रासायनिक संघटन अपरिवर्तित रहते हैं, अर्थात् कोई नया पदार्थ नहीं बनता है, भौतिक परिवर्तन कहलाते हैं।


उदाहरण


विद्युत बल्ब का जलना

बर्फ का पिघलना

जल का आसवन


नमक या चीनी का पानी में घुलना में

बादलों का बनना

आयोडीन का ऊर्ध्वपातन।


भौतिक परिवर्तन उत्क्रमणीय  होते हैं। उदाहरण बर्फ के पिघलने पर जल बनता है जिसे पुनः 0°C तापमान तक ठण्डा करने पर बर्फ प्राप्त होती है अर्थात् भौतिक परिवर्तन में, परिवर्तन के पश्चात् बने पदार्थ से, प्रारम्भिक पदार्थ पुनः प्राप्त किया जा सकता है।




रासायनिक परिवर्तन :- वे परिवर्तन जिनमें पदार्थ का रासायनिक संघटन तथा गुणधर्म स्थायी रूप से परिवर्तित हो जाते हैं अर्थात् नये पदार्थ बन जाते हैं, रासायनिक परिवर्तन कहलाते हैं।


उदाहरण


मोमबत्ती का जलना

जंग लगना 

सिरके का बनना।

मैग्नीशियम के तार का जलना

दूध से दही का बनना


रासायनिक परिवर्तन अनुत्क्रमणीय होते हैं अर्थात् अभिक्रिया या परिवर्तन के पश्चात् बने पदार्थ से प्रारम्भिक पदार्थ को पुनः प्राप्त नहीं किया जा सकता । उदाहरण दूध से एक बार दही बनने के पश्चात्, दही से दूध पुनः प्राप्त नहीं किया जा सकता।




महत्वपूर्ण तथ्य:-


रसायन विज्ञान द्रव्य, ऊर्जा एवं दोनों के बीच की अन्तः क्रिया का अध्ययन है।


किसी वस्तु का द्रव्यमान प्रत्येक स्थान पर नियत रहता है जबकि उसका मार गुरुत्वीय त्वरण के मान में परिवर्तन होने के कारण, परिवर्तित होता रहता है।


पदार्थ, जो एक ही तत्व से बने होते हैं परन्तु उनकी सरचना तथा रासायनिक संघटन भिन्न-भिन्न होता है, अपररूप  कहलाते हैं तथा उनका यह गुणधर्म अपररूपता कहलाता है। उदाहरण हीरा तथा प्रेफाइट, कार्बन (C) के अपररूप हैं। इसी प्रकार ऑक्सीजन गैस (O) तथा ओजोन (D) ऑक्सीजन (D) के अपररूप ही द्रव्य की तीनों अवस्थाओं के विभिन्न गुणों का क्रम


(1) अन्तराअणुक स्थान के बढ़ने का क्रम  ठोस < द्रव < गैस


 ( 2 ) अणुओं की स्थितिज ऊर्जा के बढ़ने का क्रम गैस < द्रव < ठोस


 (3) घनत्व का क्रम गैस < द्रव < ठोस


(4)  अन्तराअणुक आकर्षण के बढ़ने का क्रम गैस <  द्रव < ठोस 


(5) अणुओं की गतिज ऊर्जा के बढ़ने का क्रम ठोस < द्रव < गैस


सामान्यत: ठोसों का मनत्व, द्रव की अपेक्षा अधिक होता है परन्तु जल का घनत्व हाइड्रोजन बचता (जिसका अध्ययन आप उच्च कक्षाओं में करेंगे) के कारण बर्फ घनत्व की अपेक्षा अधिक होता है।


घनत्व , आयतन के व्युत्क्रमानुपाती होता है अर्थात् घनत्व बढ़ने पर आयतन कम हो जाता है।


* तत्वों के भू-पटल में उपस्थिति का क्रम है ऑक्सीजन सिलिकॉन > एल्यूमीनियम > लोहा > कैल्शियम पोटेशियम अथवा सोडियम > मैग्नेसियम तत्थों का मानव शरीर में उपस्थिति का क्रम है ऑक्सीजन > कार्बन > हाइड्रोजन  > नाइट्रोजन







Q 1. जब लोहे की कीलों को नीले कॉपर सल्फेट विलयन में डुबोया जाता है, तो कुछ समय के बाद लोहे की कीलें


(a) घुल जाती है और नीला रंग विरंजित होता है

(b) घुल जाती है लेकिन नीला रंग विरंजित नहीं होता 

(c) नहीं घुलती और नीला रंग विरंजित नहीं होता

(d) नहीं घुलती लेकिन नीला रंग विरंजित होता है




Q 2.  स्पिरिट को हथेली पर रखने से ठण्डा महसूस होता है? क्योंकि यह 


(a) क्रियाशील द्रव है

(b) अवाष्पशील द्रव है

(c) अत्यधिक वाष्पशील द्रव है 

(d) कम वाष्पशील द्रव है




Q 3. दूध से दही का बनना, कैसा परिवर्तन है?


(a) भौतिक परिवर्तन

(b) अम्लीय परिवर्तन

(c) क्षारीय परिवर्तन

(d) रासायनिक परिवर्तन




Q 4. ठोस अवस्था में अणुओं की गतिज ऊर्जा होती है।


(a) गैस के अणुओं से अधिक 

(b) द्रव के अणुओं से अधिक

(c) गैस के अणुओं के बराबर 

(d) द्रव के अणुओं से कम




Q 5.  अन्तराअणुक बल अधिक होता है


(a) ठोस में

(b) द्रव में

(c) गैस में

(d) तीनों में समान




Q 6. जिस ताप पर द्रव का वाष्पदाब वायुमण्डलीय दाब के बराबर हो जाता है, उस ताप को कहते हैं


(a) गलनांक

(b) हिमांक

(c) क्वथनांक

(d) क्रान्तिक ताप




Q 7. किसी पदार्थ का ताप बढ़ाने पर उसके अणुओं की ऊर्जा में होगी


(a) वृद्धि 

(b) अपरिवर्तित

(c) कमी

(d) पहले कमी, फिर वृद्धि




Q 8. निम्न में से कौन-सा युग्म यौगिकों को प्रदर्शित करता है?


(a) शहद एवं नमक

(b) दूध एवं पानी

(c) शहद एवं पानी 

(d) पानी एवं साबुन


 


Q 9. निम्नलिखित में मिश्रण हैं

इस्पात, वायु, चॉक, संगमरमर, धोने का सोडा, ग्लूकोस, तूतिया (कॉपर सल्फेट), पीतल, दूध 


(a) चॉक, धोने का सोडा, वायु 

(b) तूतिया, दूध

(c) ग्लूकोस, दूध, संगमरमर

(d) पीतल, वायु, इस्पात, दूध 




Q 10 . भूपर्पटी में सर्वाधिक मात्रा में पाया जाने वाला तत्व है 


(a) आयरन 

(b) ऑक्सीजन 

(c) सोडियम 

(d) मैग्नीशियम




Q 11. निम्नलिखित में से शुद्ध पदार्थ छाँटिए


सिलिकॉन, दूध, शहद, ग्लूकोस, पीतल, साबुन


(a) सिलिकॉन, दूध, ग्लूकोस

(b) सिलिकॉन, ग्लूकोस

(c) सिलिकॉन, साबुन, पीतल, ग्लूकोस

(d) ग्लूकोस, पीतल, साबुन




Q 12. अन्तराअणुक बल नगण्य होता है।


(a) ठोस में

(b) द्रव में

(c) गैस में

(d) इन सभी में




Q 13. निम्न पदार्थ ऊर्ध्वपातज है


(a) सल्फर

(b) नौसादर

(c) बर्फ

(d) कोयला




Q 14.  क्रिस्टलीय ठोस है


(a) काँच

(b) प्लास्टिक

(c) रबर

(d) शक्कर (शर्करा)




Q 15. प्रेशर कुकर में खाना जल्दी पक जाता है क्योंकि 


(a) जल का क्वथनांक बढ़ जाता है 

(b) जल का क्वथनांक कम हो जाता है

(c) दाब स्थिर रहता है

(d) कोई पदार्थ बाहर नहीं निकल पाता




Q 16. गैस द्रव्य की वह अवस्था है, जिसका


(a) आयतन तथा आकार दोनों निश्चित होते हैं 

(b) आयतन निश्चित तथा आकार अनिश्चित होता है

(c) आयतन अनिश्चित तथा आकार निश्चित होता है।

(d) आयतन तथा आकार दोनों अनिश्चित होते हैं 




Q 17. निम्न में से कौन-सा उत्फुल्ल पदार्थ है ? 


(a) MgSO 4

(b) Na2CO3-2H2O

(c) ZnSO4

(d) NaHCO 3




Q 18. बिना गर्म किए किसी ताप पर किसी द्रव की सतह से अणुओं के धीरे-धीरे वायु में मिलने की क्रिया को कहते हैं


(a) क्वथन 

(b) निर्वात आसवन

(c) वाष्पन

(d) आसवन




Q 19. जब बर्फ पिघलती है तो अणुओं की स्थितिज ऊर्जा


(a) अपरिवर्तित रहती है

(b) घटती है

(c) बढ़ती है

(d) इनमें से कोई नहीं




Q 20. ऊर्ध्वपातन में सर्वप्रथम क्रिया होती है


(a) गर्मी पाकर अणुओं की गतिज ऊर्जा में अत्यधिक वृद्धि 

(b) अणुओं के बीच आकर्षण बल

(c) ठोस का द्रव में अल्पकाल के लिए परिवर्तन 

(d) अणुओं का स्वतन्त्र हो जाना




Q 21. भूगर्भ (पृथ्वी में) सबसे अधिक मात्रा में पाई जाने वाली धातु है 


(a) लोहा

(b) ताँबा

(c) एल्युमीनियम

(d) चाँदी




Q 22. जल में घुलनशील अशुद्धियाँ इसके


(a) क्वथनांक को कम कर देती हैं

(b) क्वथनांक को बढ़ा देती हैं 

(c) हिमांक को बढ़ा देती हैं

(d) हिमांक पर कोई प्रभाव नहीं डालती




Q 23. नौसादर और नमक को पृथक् (अलग) किया जा सकता है


(a) क्रिस्टलन द्वारा

(b) प्रभाजी क्रिस्टलन द्वारा

(c) ऊर्ध्वपातन द्वारा

(d) उपरोक्त में से कोई नहीं




Q 24.  धातु के बर्तन में रखा दूध निम्न में से किस परिस्थिति में सर्वाधिक शीघ्रता से ठण्डा हो जायेगा? 

(a) जब बर्तन के ढक्कन पर पर्याप्त बर्फ रखी जाए 

(b) जब दूध के बर्तन को बर्फ की सिल्ली पर रखा जाए 

(c) जब बर्फ को बर्तन के चारों ओर रखा जाए

 (d) उपरोक्त सभी दशाओं में समान समय लगेगा




Q 25. निम्न में से कौन-सा तत्व है?


(a) सिलिका

(b) काँच

(c) मैग्नीशियम

(d) इनमें से कोई नहीं




Q 26. फिटकरी [K2 SO4. Al2 (SO4)3 24H2O] है?


(a) क्षारीय लवण 

(b) अम्लीय लवण

(c) उदासीन लवण

(d) द्विक लवण




Q 27. वह पदार्थ जिनमें यौगिक की ओर अधिक मात्रा नहीं घोली जा सकती , कहलाता है? 


(a) उत्फुल्ल पदार्थ

(b) आर्द्रता ग्राही पदार्थ

(c) प्रस्वेद्य पदार्थ

(d) रासायनिक पदार्थ



उत्तरमाला 


1-d  , 2-c  , 3- d  , 4- d  , 5-a  , 6-c  , 7-a , 8-d  , 9-d  , 10-b  , 11-b  , 12-c  ,  13-b  , 14-d  , 15-a  , 16-d ,  17-b  , 18-c  , 19- b  , 20- a  , 21-c  , 22-b  , 23-c  , 24-c  , 25-c  , 26-d  , 27-b

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